आज महा-शिवरात्रि है.
भगवान् शिव को लोग अलग – अलग तरीकों से
पूजते हैं.
कांवड़ शिव मंदिरों में चढ़ाई जाती है.
शिवलिंग पर दूध और बेलपत्र चढ़ा कर शिव
से मनोकामना पूरी करने की रिक्वेस्ट की जाती है.
महामृतुन्जय मंत्र के उच्चारण से
वातावरण शिवमय हो उठता है.
शिव अनंत हैं.
उन्हें आदि योगी भी कहा गया है.
उनकी महिमा को शब्दों से बाँध कर बता
पाना बेहद मुश्किल है.
वो समझने और महसूस करने के देवता हैं.
अत्यंत भोले, निर्भीक. देने वाले.
वो समय से परे हैं और
सारा अस्तित्व
उनके लिए चुटकी भर से अधिक नहीं.
ध्यान के समय वो पूर्णतया ध्यानमग्न
हैं.
नृत्य करते हुए वो सम्पूर्ण नृतक हैं.
तांडव करते हुए वो केवल तांडव ही करते
हैं.
प्रार्थना सुनते समय वो पूरी तरह से
प्रार्थना को सुनते हैं.
गुस्सा करते समय वो पूरी तरह गुस्सैल
प्रतीत होते हैं
लेकिन वो सबकुछ उनका बाहरी प्रदर्शन
मात्र है.
भीतर से वो बहुत भोले और हेल्पिंग हैं.
जो आपको असंभव भी लग रहा हो,
शिव उसे भी संभव करके
आपको भावविभोर कर
सकते हैं
बस आपका यकीन यक़ीनन ओरिजिनल होना
चाहिए.
शिव यानि समय से भी पहले और समय के भी
बाद.
ऑनलाइन भी और ऑफलाइन भी.
शिव की महिमा का प्रवाह पल-पल बह रहा
है.
बस ख़ुद को उनकी कृपा का पात्र बनने की
देर है
और फ़िर आप हर दिन शिवरात्रि की तरह
सेलिब्रेट कर सकते हैं.
भगवान् शिव की फ्लेक्सिबिलिटी से हम
जीवन के बड़प्पन को आसानी से देख सकते हैं.
हम सभी को शिव जी का आशीर्वाद मिलता
रहे,
इसी कामना के साथ हैप्पी शिवरात्रि.
इमेज सोर्स:
गूगल