कुछ चीज़ें भौतिक होती हैं.
कुछ साइंटिफिक, कुछ आर्थिक,
कुछ सामाजिक और कुछ यूं ही.
सिवाय हमारे,
इस कोसमोस में हर चीज़ परफेक्ट
तरीके से रोटेट
करती है,
बिना किसी तू – तू, मैं - मैं के.
हमनें डार्विन से जाना है कि
हम बंदरों और चिंपाजी के एडवांस्ड वर्शन हैं
और इसीलिए थोड़े से चनों, केलों और
कुछ दूसरी चीज़ों के लिए
हम उतावले रहते हुए,
एक दूसरे से टकराते रहते हैं.
गर किसी ने हमें कुछ नहीं बताया होता
तो शायद
हम यहाँ बहुत बेहतरीन परफॉरमेंस
करके निपट सकते
थे,
क्योंकि वो अनुभव हमारा प्रैक्टिकल
एक्सपीरियंस काउंट
होता,
लेकिन अब हमनें इतना ज्ञान,
विज्ञान और सम्मान
अपने अंदर भर लिया है
कि सीधी-साधी कोई बात समझने के लिए
हमें, माइंड को
उल्टी करानी पड़ती है
ताकि हम कुछ नया और
सार्थक पैकेज अपने भीतर डाल
सकें.
माने ये कि, हमारे सॉफ्टवेयर में हमनें
इतने एंटीबायोटिक
डाल लिए हैं कि
नई कोडिंग के लिए स्पेस ही नहीं निकल पा रहा.
पुरानी कमांड्स और इंस्ट्रक्शन मैन्युअल
का सहारा
लेते - लेते हम
अपने सॉफ्टवेयर को अपडेट करने से चूक जाते हैं.
बस यहीं, कहानी अपना अंत बदल लेती है.
कुछ ही घंटो बाद
नया साल हमारे आस - पास मंडराने लगेगा.
हमारे बाहर बहुत कुछ नया घटित होने लगेगा,
चीज़ें बदलना शुरू होंगी.
पुराना सभी विदा होगा.
हैरानी और आश्चर्य की लिमिट बढ़ा कर हम,
आने वाले इस साल के प्रति आभारी हो सकते हैं,
बशर्ते हम अपने अंदर के सॉफ्टवेयर को
कुछ क्लीन
कर सकें
ताकि उसमें कुछ नया और अनोखी कोडिंग
करने की
प्रोबेबिलिटी बनी रह सके.
करोड़ों वर्षो के एफर्ट के बाद इंसान के पास,
इस तरह का शानदार माइंड विकसित हुआ है
कि वो बिना बोले और बिना कहे ही दूसरों की
बात समझने का जादुई प्रयास कर सके.
पहले ऐसे पलों को चमत्कार कहा जाता था.
अब हम चमत्कारिक माइंड जनरेशन की तरफ़ हैं.
और आज की टेक्नोलॉजी ने इसे और
पावरफुल बना दिया
है.
आप चाहें तो अपने पूर्वजों
और आने वाली पुश्तों के लिए एक
औरा बना कर जा
सकते हैं.
और इसके लिए आपको अपने सॉफ्टवेयर में कुछ अच्छे
टूल्स डालने ही चाहिएं.
नए साल पर ह्यूमैनिटी के लिए,
अब आप एक अच्छा और उपजाऊ गिफ्ट होंगे.
बंदरों और चिंपाजी को भी आप पर
गर्व होना ही
चाहिए.
हमें उन्हें अपने कर्मों से शर्मिंदा कर,
डूब-मरने के लिए नहीं छोड़ना चाहिए.
इस नए साल पर हमारी ये कोशिश
होनी ही चाहिए
ताकि हम डार्विन की थ्योरी को अच्छे रिजल्ट से
सम्मानित करा सकें
वरना
किसी दूसरे से मिला ये अनमोल जीवन
60 – 70 सालों में,
कुछ चीज़ों में उलझकर ही दम तोड़ जाएगा.
और उसके बाद,
हमारे आने के आयाम हवा में भटकते रहेंगे,
इन्हें ही भूत कहते हैं.
भूत होने की बजाय मुक्ति पाना
एक शानदार घटना है.
नए साल पर अपने पुराने भूतों से मुक्ति पाएं.
ये ही कामना है.
हैप्पी न्यू ईयर.
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